India Gate – इंडिया गेट
By: Faiz Alam
दिल्ली के सभी
प्रमुख आकर्षणों में से इंडिया गेट सबसे ज्यादा देखे जाने वाले पर्यटन स्थलों में
से एक है। इंडिया गेट के नाम से प्रसिद्ध अखिल भारतीय युद्ध स्मारक की भव्य संरचना
विस्मयकारी है और इसकी तुलना अक्सर फ्रांस में आर्क डी ट्रायम्फ, मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया और रोम में कॉन्सटेंटाइन के आर्क (मेहराब) से की जाती है। दिल्ली शहर के केंद्र में स्थित,
इंडिया गेट देश के राष्ट्रीय स्मारकों में सबसे लंबा यानि 42
मीटर लंबा ऐतिहासिक स्टेकचर सर एडविन लुटियन द्वारा डिजाइन किया गया
था और यह देश के सबसे बड़े युद्ध स्मारक में से एक है। इंडिया गेट हर साल गणतंत्र
दिवस परेड की मेजबानी के लिए भी प्रसिद्ध है। आज का हमारा आर्टिकल देश की सबसे
ऊंची युद्ध स्मारक इंडिया गेट के बारे में है। इस आर्टिकल में आपको इंडिया गेट का
इतिहास, डिजाइन और इंडिया गेट से जुड़े रोचक तथ्य जानने को
मिलेंगे।
India Gate |
1. इंडिया गेट के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी –
·
कहां स्थित है – राजपथ मार्ग, दिल्ली (भारत की राजधानी)
·
कब हुई इंडिया गेट की स्थापना – 1931 ईसवी में।
·
किसने रखी थी इंडिया गेट की नींव –
ड्यूक ऑफ कनॉट ने इस स्मारक की नींव रखी थी।
·
इंडिया गेट का निर्माण करने वाले
वास्तुकार का नाम – एड्विन लैंडसियर लूट्यन्स
·
क्यों किया गया इंडिया गेट का निर्माण
– यह पहले विश्वयुद्ध के दौरान वीरगति पाए जाने वाले करीब 80 हजार सैनिकों के सम्मान में बनाया गया है।
·
इंडिया गेट की ऊंचाई कितनी है – करीब 42 मीटर
·
प्रसिद्धि – अमर जवान ज्योति
2. इंडिया गेट भारत के सबसे बड़े युद्ध स्मारकों में से एक है
भारत
की राजधानी दिल्ली में स्थित इंडिया गेट भारत का एक प्रसिद्ध राष्ट्रीय स्मारक
होने के साथ-साथ भारत के बड़े युद्ध स्मारकों में से एक है, जिसे ‘अखिल भारतीय युद्ध स्मारक’ के रूप में भी जाना जाता है।
इंडिया गेट से प्रथम विश्व युद्ध के दौरान शहीद हुए
तमाम वीर सैनिकों की यादें जुड़ी हुई हैं, यह स्मारक भारतीय सेना
के सैनिकों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण स्थल है। आपको बता दें कि इंडिया गेट,
भारत के सबसे महत्वपूर्ण विरासतों
में गिना जाता है।
3.इंडिया गेट का निर्माण एवं
इसका इतिहास – India Gate Information
भारत की राजधानी दिल्ली के राजपथ मार्ग पर स्थित
इंडिया गेट निर्माण 1931 ईसवी में किया गया था।
India Gate |
साल 1914 से 1918 के बीच चले पहले विश्व युद्ध और तीसरे एंग्लो-अफगान युद्ध में ब्रिटिश
इंडियन आर्मी के करीब 90 हजार सैनिकों ने अपने शक्तिशाली
ब्रिटिश साम्राज्य की रक्षा के लिए बड़ी वीरता के साथ दुश्मन सेना से युद्ध लड़ा
था, हालांकि इस युद्ध में करीब 82
हजार सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी।
इस युद्ध के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों के
सम्मान और उन्हें श्रंद्धाजंली अर्पित करने के लिए दिल्ली के राजपथ
में इस राष्ट्रीय स्मारक इंडिया गेट का निर्माण किया गया था।
शुरुआत में इस स्मारक का नाम ”ऑल इंडिया वॉर
मेमोरियल” रखा गया था, लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर इंडिया
गेट कर दिया गया।
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारतीय सेना के हजारों
जवान फ्लैंडर्स मेसोपोटामिया, पूर्वी अफ्रीका गैलीपोली, फ्रांस समेत कई अन्य स्थानों पर लड़ते हुए
शहीद हो गए थे, उन सैनिकों के सम्मान और स्मृति में ही इस
अद्भुत शहीद स्मारक का निर्माण किया गया था।
लाल बलुआ पत्थर और ग्रेनाइट से निर्मित भारत की इस
भव्य शहीद स्मारक की दीवारों में बेहद
सृजनात्मक और अनूठे तरीके से इन हजारों शहीदों का नाम भी लिखे गए हैं।
इसके साथ ही आपको बता दें कि 15 अगस्त, 1947 से पहले जब देश
ब्रिटिशों की गुलामी सह रहा था, तब इंडिया गेट के सामने किंग
जॉर्ज वी की एक प्रतिमा स्थापित थी।
लेकिन आजादी मिलने के बाद इस प्रतिमा को हटाकर
ब्रिटिश राज की अन्य प्रतिमाओं के साथ कोरोनेशन पार्क में स्थापित कर दिया गया था।
देश की इस अनमोल धरोहर में समय-समय पर कई संसोधन भी किए जाते रहे हैं। जिसकी वजह
से दिल्ली के राजपथ पर स्थित यह स्मारक सैनिकों का एक महत्वपूर्ण स्मारक बन गया
है।
साल 1971 में भारत-पाकिस्तान
के युद्ध के समय शहीद होने वाले तमाम भारतीय सैनिको के सम्मान में यहां ”अमर जवान
ज्योति” की स्थापना की गई, जहां साल के 365 एवं 24 घंटे, हमेशा ही सैनिकों
के सम्मान में एक लौ जलती रहती है।
4. इंडिया गेट में अमर जवान ज्योति – Amar Jawan Jyoti in India Gate
अमर जवान ज्योति या ज्वाला की अमर सेना का निर्माण 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद उन सभी सैनिकों के सम्मान में किया गया
था, जिन्होंने 1971 में भारत-पाक युद्ध
में अपनी जान गंवाई थी। स्मारक का उद्घाटन भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री,
इंदिरा गांधी द्वारा 26 जनवरी 1972 को किया गया था। ‘अमर जवान’ को सोने की चौपाई के चारों ओर लिपिबद्ध किया
गया है। सेनोटैफ के शीर्ष पर एक उल्टे L1A1 Self-loading rifle को एक सैनिक के हेलमेट के साथ रखा गया है। संगमरमर के पेडल चार
कलशों से बंधे हैं, जिनमें से एक में
लगातार जलती हुई ज्वाला है। स्मारक पर भारतीय सेना, भारतीय
नौसेना और वायु सेना के सैनिकों का 24*7 पहरा रहता है।
India Gate |
5.
इंडिया गेट डिजाइन – India Gate Design
बेहतरीन युद्ध स्मारक डिजाइनरों में से एक सर एडविन
लुटियंस ने नई दिल्ली में अखिल भारतीय युद्ध स्मारक के लिए डिजाइन का मसौदा तैयार
किया। 625
मीटर के व्यास के साथ एक हेक्सागोनल परिसर के केंद्र पर स्थित,
इंडिया गेट कुल 3,60,000 मीटर वर्ग का क्षेत्र
है। यह 42 मीटर ऊँचा है और इसकी चौड़ाई 9.1 मीटर है। इंडिया गेट के टॉप पर एक गुंबद के आकार का कटोरा है जो विशेष
अवसरों पर जलते हुए तेल से शायद ही कभी भरा जाता है। इंडिया गेट धार्मिक और
सांस्कृतिक भावनाओं को छोड़कर एक धर्मनिरपेक्ष स्मारक है। लुटियन ने धार्मिक
अलंकरण से मुक्त सार्वभौमिक वास्तुकला शैली का उपयोग किया। इसे आर्क डी ट्रायम्फ
के रीमेक के रूप में भी कहा जाता है। इसके अलावा 150 मीटर की
दूरी पर शानदार इंडिया गेट के ठीक पीछे, एक छतरी जैसी संरचना
है, जिसे एडविन लुटियन ने बनाया था। इसमें लोर्ड जॉर्ज पंचम
की मूर्ति थी लेकिन बाद में इसे हटा दिया गया था।
6. इंडिया गेट में क्या-क्या कर सकते हैं – Things to do in India Gate
- इंडिया गेट में आप पिकनिक माना सकतें
हैं – आप इंडिया गेट के दृश्य का आनंद लेते हुए दोस्तों और परिवार के साथ
यहां पिकनिक के लिए कुछ समय बिता सकते हैं।
- इंडिया गेट में आप सुबह की सैर कर
सकते हैं – इंडिया गेट की ओर राजपथ पर सुबह की सैर दिन की शुरुआत करने का एक
शानदार तरीका है।
- इंडिया गेट में आप फोटो और सेल्फी ले
सकते हैं – फोटो और सेल्फी लेने के लिहाज से इंडिया गेट अच्छा स्थल है। सुबह
हो या शाम आए दिन लोगों को यहां सेल्फी लेते और फोटोग्राफी करते देखा जाता
है। यहां पर कई फोटोग्राफर भी मौजूद रहते हैं, जो इंडिया गेट के साथ आपकी फोटो क्लिक कर मिनटों में आपको फोटो
उपलब्ध करा देते हैं।
- इंडिया गेट में स्ट्रीट फूड – इंडिया
गेट के आसपास कई स्ट्रीट वेंडर हैं। मॉनसून में यहां आइसक्रीम का सेवन जरूर
करें।
- इंडिया गेट में चिल्ड्रन पार्क –
बच्चों के लिए पास में चिल्ड्रन पार्क इंडिया गेट में एक मजेदार जगह है।
7. इंडिया गेट के बारे में कुछ महत्वपूर्ण और दिलचस्प तथ्य – facts about India gate
·
देश के लिए मर मिटने वाले शहीदों की
याद में बनाया गया यह स्मारक भारत के सबसे बड़े युद्ध स्मारकों में से एक है, जिसे उस समय के मशहूर वास्तुकार एडविन लुटियंस ने डिजाइन किया था।
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इंडिया गेट को शुरुआत में अखिल भारतीय
युद्ध स्मारक के तौर पर जाना जाता था, लेकिन फिर बाद में
इसका नाम इंडिया गेट कर दिया गया।
·
करीब 42 मीटर ऊंचे इस
राष्ट्रीय स्मारक की आधारशिला 10 फरवरी, 1921 को ड्यूक ऑफ कनॉट ने रखी थी, जबकि इसका निर्माण कार्य
को पूरा होने में 10 साल का लंबा समय लग गया था।
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भारत की इस सबसे बड़े युद्ध स्मारक के
दीवारों पर प्रथम विश्व युद्ध और तीसरे एंग्लों-अफगान युद्ध में शहीद हुए हजारों
भारतीय सैनिकों के नाम शिल्पित किए गए हैं। जबकि इसे पेरिस में स्थित ”आर्क डी
ट्रायम्फ” की तर्ज पर डिजाइन किया गया है।
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इंडिया गेट के तल पर बनी अमर जवान
ज्योति को भारत-पाक के युद्ध में शहीद हुए हजारों भारतीय सैनिकों की याद में बनाया
गया है, जिसमें हमेशा एक लौ शहीदों की स्मृति
और उन्हें श्रद्धांजली देने के लिए जलती रहती है।
·
इंडिया गेट पर बने अमर जवान ज्योति का
उद्घाटन देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था और 26 जनवरी के दिन देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों
को श्रद्धांजली अर्पित की थी, तब से लेकर आज तक गणतंत्र दिवस
के राष्ट्रीय पर्व के दौरान हर साल देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति
एवं तीनों सेनाओं के प्रमुखों द्धारा अमर जवान ज्योति पर पूरे श्रद्धा भाव और
सच्चे मन से शहीदों को श्रद्धांजली दी जाती है।
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अमर जवान ज्योति पर एक स्व-लोडिंग
राइफल और सैनिक का हेलमेट भी रखा गया है, जो कि इसकी शोभा को और
अधिक बढ़ा रहा है।
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करीब 42 मीटर ऊंचे इस शहीद
स्मारक का निर्माण भरतपुर से लाए गए लाल और पीले पत्थरों का इस्तेमाल कर किया गया।
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इंडिया गेट, दिल्ली के सबसे प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है, जिसे
खूबसूरती को देखने दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं
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दिल्ली में स्थित इंडिया गेट, दुनिया के सबसे बड़े वैश्विक युद्ध स्मारक के तौर पर भी मशहूर है, जिसके देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री द्वारा प्रमुख तीर्थ स्थलों में
से एक माना जाता है। इसके साथ ही यह गणतंत्र दिवस परेड के आयोजन स्थल के रुप में
भी जाना जाता है।
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दुनिया का सबसे बड़ा युद्द स्मारक होने
के साथ-साथ यह एक प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट भी है, जहां लोग छुट्टियां
मनाने और अपने दिमाग को fresh करने के लिए जाते हैं।
तो दोस्तों ये थी इंडिया गेट की कुछ महत्वपूर्ण जानकारी, उम्मीद करता हु ये पोस्ट आपलोगों के लिए knowledgeable साबित हुई होगी, आपलोगों को ये जानकारी कैसी लगी कमेंट में जरुर बतलाइये और इसे अपने दोस्तों में जरुर शेयर करे| Thank you!
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